salim aur bhikhari bed time story hindi
बहुत समय पहले किसी गांव में सही नाम का एक मछुआरा रहता था सलीम रोज सुबह मछली पकड़ने के लिए नदी के किनारे जाता था और शाम को उन मछलियों को बेचकर अपना घर चलाता था एक दिन वह मछलियां बेचकर अपने घर लौट रहा था तभी उसे रास्ते में एक भिखारी मिला भिखारी ने उससे कहा सब कुछ पैसे दे दो मैंने बहुत दिन से कुछ नहीं salim aur bhikhari bed time story hindi
खाया सलीम बहुत बड़े दिल का था उसे किसी का दुख देखा नहीं जाता अपने जेब से पैसे निकाले और उसे दे दिए अगले दिन सलीम जब बाजार से लौट रहा था तब वह भिखारी फिर मिला और यही बात कहने लगा साहब कुछ खाने के लिए पैसे दे दो सलीम उसे फिर से कुछ पैसे दे दिया ऐसे ही बहुत दिनों तक चलता रहा रोज भिखारी शाम को सलीम से मिलता सलीम उसे कुछ पैसे दे देता एक दिन सलीम मछलियां भेज पर बाजार से लौट रहा था salim aur bhikhari bed time story hindi
उसे वह भिखारी फिर से मिला हमेशा की तरह सलीम ने फिर से कुछ पैसे निकालें और उसे दे दिया और वह आगे चल दिया कुछ कदम चलने पर वह सोचने लगा मैं रोज इस भिखारी को खाने के लिए इसे पैसे देता हूं लेकिन इसके शरीर में कुछ बदलाव नहीं हुआ मुझे इसे कुछ और देना चाहिए यह सोच कर कुछ भिखारी के पास गया और बोला और सलीम कहने लगा कि कल नदी के किनारे आना मैं तुम्हें बहुत बड़ा इनाम देना चाहता हूं अगले दिन सलीम जब मछली पकड़ने के लिए नदी के किनारे पहुंचा तो वहां पर भिखारी उससे पहले वहां आ चुका था
और आते ही सलीम को देखकर बोला साहब मैं अब आ गया हूं मुझे मेरा इनाम दे दीजिए सलीम ने कहा मैं तुम्हें बहुत बड़ा ही नाम दूंगा लेकिन उसके लिए मुझे नदी से तुम्हें कुछ मछलियां पकड़नी होगी यह बात सुनकर भिखारी को बहुत ही गुस्सा आया लेकिन फिर भी उसे इनाम चाहिए था तो उसने तैयार हो गया तब सलीम ने बोला किजाल को उठाकर नदी में फेंक दो वह जाल उठाकर नदी में फेंक दिया तभी सलीम ने कहा मैं इस जाल को फेंकने के लिए नहीं बोला हूं salim aur bhikhari bed time story hindi
मैं ही जाल को अच्छे से फेंकने के लिए बोल रहा हूं और सलीम ने फेंक कर उसे दिखाया फिर बहुत कोशिश के बाद भिखारी भी जाल फेंक ना सीख गया और इस तरीके से उस जान को बहुत दूर तक भिखारी फेंक दिया और कुछ देर बैठे रहे मछलिया अभी जाल में नहीं फंसी थी और भिखारी को बहुत भूख लग गया था तभी वह सलीम से कहने लगा कि इससे बढ़िया तो भीख मांगना ही था कम से कम पेट तो भर जाते थे तभी सलीम ने कहा चिंता मत करो मैं तुम्हें बहुत बड़ा इनाम दूंगा इस तरह भी खाली पेट पकड़ कर बैठ गया तभी कुछ समय बाद जाल में अचानक कुछ हलचल हुई और जाल को पकड़कर सलीम और भिखारी खींच
कर बाहर निकालें और उन्होंने देखा बहुत सारी मछलियां फंसी हुई थी उसके बाद भिखारी कहने लगा अब तो मछलियां भी फस गई अब मुझे मेरा इनाम दे दीजिए तभी सलीम ने कहा तुम्हें तो तुम्हारा इनाम मिल गया भिखारी कहा कब साहब तभी सलीम ने कहा कि तुम्हें मछलियां पकड़ ना सिखा दिया हमने इससे बड़ा इनाम और क्या हो सकता है अब तुम्हें भीख मांगने की जरूरत नहीं है तुम मछलियां पकड़ कर बाजार में ले जाकर बेच कर तुम अपने परिवार को और अपना पेट पाल सकते हो तो दोस्तों इस से हमें यह पता चलता है कि रोज रोज किसी को पकाने से बढ़िया है उसे एक नया रास्ता दिखा दिया जाए जिससे वह आपके सहायता पर ना जी धन्यवाद