motivational love story in hindi

By | September 24, 2019

motivational love story in hindi

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motivational love story in hindi

एक सच्ची लव स्टोरी जो किसी के लिए मोटिवेशनल बन गया तो चलिए जानते हैं कि एक बेवफाई लव स्टोरी आखिर में मोटिवेशनल कैसे बन गया एक लड़का था

जिसका नाम सतीश था वह एक लड़की से बहुत प्यार करता था उस लड़की का नाम बबीता था वह दोनों एक दूसरे से बहुत ही प्रेम करते थे सतीश थोड़ा

गरीब घर से बिलॉन्ग करता था परंतु उसका दिल बहुत बड़ा था क्योंकि वह जब जब बबीता कुछ मानती थी सतीश उसे जरूर लाकर देता था और साथ में सतीश

अपने घर वालों का बहुत ख्याल रखता था एक दिन सतीश अपनी गर्लफ्रेंड बबीता से मिलने जा रहा था तभी उसने पार्क में देखा कि उसकी गर्लफ्रेंड किसी और लड़की के साथ बैठी हुई है

सतीश दूर से उसे कॉल किया और पूछा तुम कहां पर हो बबीता बोली कि मैं घर पर हूं सतीश ने कहा मैं सब कुछ देख लिया वह तुम्हारे साथ लड़का कौन था

बबीता बोली जब सब कुछ तुम देखे लिए हो तो फिर पूछ क्यों रहे हो सतीश को इस बात का बहुत दुख लगा तभी रास्ते से गुजर रहा था उसके हाथ में ढेर सारे फूल थे

एक भिखारी भीख मांग रहा था सतीश के पास पैसे तो नहीं थे भिखारी को देने के लिए परंतु फूल जरूर था उसने सारी फूल उस भिखारी के सामने रख दिया और वहां से चला गया

भिखारी सोचने लगा मैं इस फूल का क्या करूं फेंक देता हूं जब भिखारी उस फूल को फेंकने के लिए उठा ही रहा था तभी एक आदमी आया और बोला मुझे एक फूल दे दो और यह लो ₹10 इससे ज्यादा

मैं तुम्हें नहीं दे सकता हूं भिखारी ने एक फूल उठा कर दे दिया और उसे ₹10 मिले कुछ देर में उसके सारे फूल बिक गए भिखारी को समझ में आने लगा कि लोग ऐसे मांगने से कुछ नहीं देते हैं

क्यों ना मैं फुल ही लाकर यहां बैठ जाऊं ताकि मेरी कुछ कमाई हो सके और अगले दिन से भिखारी ढेर सारे फूल लेकर आकर बैठने लगा परंतु उसके फूल बहुत जल्दी खत्म हो जाते थे

क्योंकि वह पार्क कपिल लोगों के लिए था अपनी गर्लफ्रेंड को देने के लिए फूल वहां से लेते थे भिखारी दिन पर दिन फूलों का ठेला लगाने लगा धीरे-धीरे

वह दुकान खोल दिया फूलों का तभी सतीश उस दुकान पर फूल लेने पहुंचा वह भिखारी सतीश को देखकर पहचान गया और उसने फूल सतीश को दिया सतीश ने कहा कितने पैसे हो

गए भिखारी ने कहा मैं आपसे पैसे कैसे ले सकता हूं आप तो मेरे भगवान हो सतीश को बहुत अचंभा हुआ आखिर में मैं इसका भगवान कैसे हो सकता हूं तभी भिखारी ने कहा याद करिए

कुछ समय पहले यहां एक भिखारी भीख मांगता था और आपने उसे फूल दिया था आज मैं उस फूल के कारण स्कूल के दुकान का मालिक बन चुका हूं तभी सतीश ने कहा मैं

तुम्हारा भगवान नहीं हूं भगवान तो वह लड़की है जिसने मेरा दिल तोड़ा और मैं उसे फूल देने के वजह तुम्हें दे दिया परंतु वह भिखारी सतीश को ही भगवान क्यों बनाया

और उसी को भगवान क्यों बोलता था दोस्तों आपकी नजर में भगवान कौन है लड़का या लड़की दोस्तों मेरे समझ में तो कुछ नहीं आया मेरे समझ में आया कि लड़का

ही भगवान है कि फूल देखने के बजाय उस भिखारी को दे दिया तो कैसी लगी है स्टोरी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद

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