khargosh aur kachua ki res kahani for kids in hindi
1 दिन कछुआ सोया हुआ था उसके पास खरगोश आकर बोला क्या तुम मेरे साथ रेस लगाओगे कछुए ने कहा नहीं मुझे सोने दो खरगोश ने बोला क्या तुम दिन भर सोते ही रहोगे तभी कछुए ने कहा कि हां मैं सोना चाहता हूं मुझे नींद आ रही है तभी खरगोश ने बोला कि अगर जो तुम मुझसे यह रेस जीत जाते हो तो मैं तुम्हें कभी डिस्टर्ब नहीं करूंगा khargosh aur kachua ki res kahani for kids in hindi
और इस जंगल को छोड़ कर चला जाऊंगा कछुए ने कहा ठीक है मैं आप से देश में भाग लूंगा खरगोश जोर जोर से हंसने लगा और कहने लगा तू मेरे से रेस लगाएगा और यह कह कर दोनों में रेस लग गई खरगोश दौड़े दौड़े दौड़े दौड़े काफी दूर चला गया वह अब थक चुका था वह एक पेड़ के नीचे आराम से सो गया khargosh aur kachua ki res kahani for kids in hindi
और कछुआ चलता रहा कछुआ चलते-चलते रेस जीत गया इसीलिए कहते हैं दोस्तों कामयाबी कभी भी हासिल करने के लिए हमें रुक कर काम कभी नहीं करना चाहिए बल्कि लगातार मो हमें काम करना चाहिए तो कैसी लगी कहानी
Step 2
खरगोश को इस बात का बहुत दुख हुआ और उसने दुबारा रेस लगाने की तय कर लिया लेकिन रेस में अब रूल चेंज हो गए थे रूल यह था कि खरगोश ने कहा कि कछुआ अब तुम बताओ की रेस कैसे लगाना है कछुए ने कहा ठीक है मैं बताता हूं सबसे सिंपल सा है कि नदी के उस पार जाना है ठीक जहां हम खड़े हैं इसी के सामने जाना है खरगोश को यह शर्त मंजूर हुआ क्योंकि खरगोश यह सोच रहा था कि जब तक कछुआ धीरे धीरे चल के पुल के पास पहुंचेगा तब तक मैं पूल क्रश कर के इसके सामने चला लूंगा
और मैं इस बार थोड़ा भी आराम नहीं करूंगा खरगोश नहीं पूरी ईमानदारी इस रेस में दिखाने वाला था लेकिन खरगोश को यह नहीं पता था कछुआ को फूल पर जाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि कछुआ तो पानी में ही तैर के उस पार जा सकता है और दोनों में रेस लग गई खरगोश बहुत तेजी से भागते भागते भागते भागते नदी के उस पार फुल क्रश करके जाने ही वाला था तब तक वहां देखा किक पहले से कछुआ वहां पहुंच गया था तो इस बार भी खरगोश की हार हुई तो दोस्तों कैसी लगी कहानी कमेंट करके जरूर बताइएगा