hindi short stories for class 1

By | September 9, 2019

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एक रोहन नाम का लड़का था जो क्लास वन में पढ़ता था वह पढ़ने में बहुत ही दिलचस्पी रखता था उसे पढ़ाई करना बहुत ही अच्छा लगता था उसके साथ-साथ

उसे शरारत करने में भी बहुत अच्छा लगता था क्योंकि वह अभी छोटा था क्लास में उसकी मैडम भी उसकी काफी तारीफ करती थी उसको हमेशा अपने पास बैठा थी

और अपने टिफिन से खाना भी खिलाते थे क्योंकि रोहन के माता-पिता नहीं थे रोहन अपने चाचा चाची के साथ रहता था रोहन के चाचा बहुत अच्छे इंसान थे

वह रोहन का बहुत ख्याल रखते थे परंतु उनकी चाची उसे खाना नहीं देती थी और उसे बहुत मारती भी थी रोहन इस बात से बहुत चिंतित रहता था 

तो एक बच्चा ही करता भी तो क्या रोहन ने एक बार डिसाइड किया कि मैं घर छोड़कर कहीं दूर चला जाऊंगा परंतु रोहन को यह पता नहीं था कि यह दुनिया बहुत बड़ी है

वह खाएगा क्या और रहेगा कहां रोहन अपने घर से निकल गया घर से निकलने के बाद रोहन एक ट्रेन पकड़ा और उस ट्रेन में सो गया रोहन की जब नींद खुली तो रोहन

एक रेलवे स्टेशन पर था जहां गाड़ी खड़ी थी रोहन हां उतर गया रोहन को बहुत भूख लगी थी रोहन ने खाना की तलाश में निकल पड़ा और एक दुकानदार से बोला मुझे

समोसे चाहिए दुकानदार बोला पैसे है ना तुम्हारे पास रोहन बोला नहीं उस समोसे की दुकान वाले ने रोहन को समोसे नहीं दिए परंतु वहीं पर एक व्यक्ति खड़ा था

उसने रोहन को देखा और रोहन को समोसे खिलाया और उसके घर के बारे में पूछा परंतु रोहन को अपने गांव का नाम पता नहीं था रोहन को इंसान अपने घर ले गया

उसकी बीवी रोहन को देखकर काफी खुश हुई क्योंकि उसके कोई संतान नहीं था उस इंसान की बीवी सुनीता रोहन का बहुत ख्याल रखती थी रोहन जो कहता

उसके लिए वह लेकर आते रोहन को अपने साथ स्कूल भी छोड़ने ले जाती रोहन धीरे-धीरे बड़ा होने लगा और रोहन डॉक्टर बन गया रोहन का ट्रांसफर उसी गांव में हुआ

जिस गांव में उसके चाचा चाची रहते थे उसकी चाची का तबीयत बहुत खराब था और उसके चाचा उसे लेकर हॉस्पिटल है परंतु उस हॉस्पिटल में कोई और नहीं बल्कि

उस हॉस्पिटल का डॉक्टर रोहन ही था रोहन अपने चाचा को देखा तो पहचान गया परंतु कुछ बोला नहीं अपने चाची का इलाज किया इलाज करने के बाद डिस्चार्ज करने

से पहले रोहन अपने चाची के पास गया और कहा चाची आपने मुझे पहचाना नहीं मैं रोहन हूं मैं आज डॉक्टर बन गया हूं उसके चाचा जब इस बात को सुनें तो

रोने लगे और बोले बेटा तुम इतने दिन कहां थे रोहन ने अपनी सारी बात बताई चाची को भी इस चीज का पछतावा हो रहा था और चाची उसे अपने घर ले जाने के लिए चाहती थी

परंतु रोहन ने कहा कि मेरे नए माता-पिता मुझे मिल चुके हैं और वह मेरा बहुत ख्याल रखते हैं बचपन से लेकर आज तक मेरे हर एक कमियों को पूरा किए हैं मैं उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जा सकता हूं

क्योंकि आज जब मेरा फर्ज निभाने का समय आए तो मैं कहीं और चला जाऊं तो इंसानियत के नाते बहुत शर्मिंदगी की बात होगी तो कैसी लगी स्टोरी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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