Ek Sachi Love Story in Hindi
एक सच्ची लव स्टोरी एक लड़का था जिसका नाम सतीश था वह बहुत खुश रहने वाला लड़का था क्योंकि उसके जिंदगी में कोई भी परेशानी या नहीं थी Ek Sachi Love Story in Hindi
काफी हंसमुख भी थे यह अपने चाचा के साथ भटिंडा में रहते थे वहां पर मुलाकात हुआ एक नए दोस्त से जिसका नाम था मुन्ना मुन्ना का दुकान मोबाइल का था
वहां सतीश डेली जाकर बैठा करता था वहां पर मुन्ना एक लड़की से बात करता था जो लड़की गोरखपुर की रहने वाली थी सतीश भी कुशीनगर का रहने वाला था
मुन्ना जब उस लड़की से बात करता तो फोन सतीश को पकड़ा देता सतीश भाभी कहकर उससे बात करता है ऐसे काफी समय गुजर जाते हैं उसके बाद जब सतीश एक दिन फोन लगाता है
तो वह एक दूसरे लड़की से बात होती है उसकी बहुत मीठी मीठी सुरीली बात थी उस लड़की का नाम था रजनी सतीश के तो पैर जमीन पर नहीं पढ़ रहे थे सतीश सोच रहा था
कि चलो देर से ही सही जिंदगी में कोई गर्लफ्रेंड तो आई यह प्यार दिल से शुरू हुआ उस समय ना ही व्हाट्सएप था और ना ही ज्यादा लोग फेसबुक चलाते थे
इसीलिए दोनों एक दूसरे को कभी नहीं देखे थे रजनी और सतीश दोनों फोन पर लगातार कंटिन्यू बात करते रहते हैं 1 दिन बिछड़ने का दिन आता है
क्योंकि रजनी अब वापस फिर से अपने हॉस्टल पढ़ने जाने वाली थी सतीश ने 2 मिनट का रिकॉर्डिंग कर लिया कि जब रजनी हॉस्टल चली जाएगी तो
उस रिकॉर्डिंग को सुनकर अपना मन बहला लिया करेगा 6 महीने बाद फिर से रजनी का कॉल आया और उस दिन सतीश फिर से बहुत खुश हुआ
फिर कुछ दिन बातें हुई फिर एक दूसरे से बिछड़ गए फिर उनकी बात सन सन 2011 में हुई और एक दूसरे से बात करने लगे मिलने का प्रोग्राम बनाने लगे
लेकिन सन 2011 में भी एक दूसरे से नहीं मिल पाए सन 2012 जैसे ही आया जून का महीना था और एक दूसरे से मिलने के लिए बेचैन थे तभी 1 दिन निकल कर आता है
जिस दिन को रजनी और सतीश मिलने वाले रहते हैं लेकिन सतीश का घर रजनी के घर से 105 किलोमीटर दूर था जिससे सतीश को जाने में काफी देर लगता
रजनी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और सतीश उस समय अपने घर से निकला रजनी सवेरे 8:00 बजे से बैठी रही सतीश पहुंचा शाम को 4:00 बजे लेकिन उनकी मुलाकात हो
गई लेकिन यह पहली मुलाकात थी उनकी एक दूसरे को देख कर काफी खुश हुए सतीश उस समय बहुत नर्वस था क्योंकि पहली मुलाकात थी क्यों की पहली मुलाकात थी
उसकी इसी तरह काफी समय गुजर जाते हैं दो-तीन बार उनकी मुलाकात भी होती है और यह कैसा रुख मोड़ लेता है कि वह दोनों अलग हो जाते हैं अलग होने
का कारण कोई और नहीं बल्कि रजनी खुद थी क्योंकि रजनी को कोई और लड़का पसंद आ गया था सतीश को जब इस बात को पता लगा सतीश ने
अपना रास्ता खुद अलग चुन लिया हां लेकिन सतीश को रजनी को भूलने में तकरीबन 1 साल लग गए आज भी उसे याद करता है परंतु जब से रजनी
मना की तब से लेकर आज तक उसने फोन तक नहीं किया है और ना ही आज तक सतीश एक अपने लिए मोबाइल खरीदा है अब ऐसा भी नहीं है कि नए जमाने का लड़का है
और उसके पास मोबाइल नहीं है मोबाइल है परंतु उसके पास सिम कार्ड नहीं है वह सिर्फ नेट के लिए इस्तेमाल करता है सतीश को अब नहीं लगता कि
रजनी उसके जिंदगी में वापस आएगी आपको क्या लगता है दोस्त कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद