Bhoot Wali Kahani
एक बार की बात है एक मणिपुर नामक गांव था उस गांव में एक जग्गू नामक गरीब व्यक्ति रहता था वह एक बहुत बड़े व्यापारी के घर पर काम करता था जिसका नाम शांतु था
1 दिन क्या हुआ की जग्गू हमेशा की तरह अपने मालिक शांतु के घर पर काम करने के लिए जा रहा था लेकिन जिस रास्ते से वह जाता था उस रास्ते पर काम चल रहा था इसलिए जग्गू दूसरे रास्ते से जाने लगा तभी उसे कुछ दूर चलने पर रास्ते में
एक बड़ा सा आलीशान बंगला दिखा और जग्गू के अंदर भी ऐसा ही आलीशान बंगला बनवाने का उत्सुकता उठी वह दौड़ते हुए अपने मालिक शांतु के घर गया और बोला मालिक मैंने
आज तक जितने भी पैसे कमाए हैं मुझे दे दीजिए पैसों का नाम सुनकर शांतु बौखला गया और जग्गू से कहने लगा तुमने आज तक जितना भी कमाया है वह तो तुम्हारे पूर्वजों के कर्ज चुकाने में ही
खत्म हो गए तुमने आज तक कुछ कमाया ही नहीं है जाओ और जंगल से लकड़ियां लेकर आओ मेरा समय खराब मत करो इतना सुनने के बाद जग्गू जंगल लकड़ी लाने चला गया और जंगल जाकर
एक पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगा तभी उस पेड़ के ऊपर रहने वाला भूत जग्गू को रोते देख कर नीचे आया और बोला छोटे भाई तुम क्यों रो रहे हो क्या समस्या तुम्हारी मुझे बताओ जग्गू ने सारी बात बताई जग्गू की बात सुनकर
पेड़ वाला भूत बहुत ही गुस्सा हो गया और जग्गू के मालिक शांतु को मारने के लिए धमकी देने लगा लेकिन जग्गू साफ दिल का था इसलिए वह बोला भूत भाई मेरे मालिक को मारो मत बस उन्हें किए की सजा दे दो जग्गू का
साफ दिल देखकर भूत बहुत ही प्रसन्न हुआ और जग्गू से बोला तुम या कुछ लकड़िया लो अपने मालिक के पास जाओ और ऐसा दिखावा करो कि तुम्हें जंगल में कुछ मिला है और दिन भर में
तुम तीन से चार बार आना जंगल में जैसा कि भूत ने बोला था जग्गू को जग्गू ने वैसा ही किया अपने मालिक के पास गया और कुछ अलग ही ढंग में बात करने लगा जग्गू चाल ढाल देखकर शांतु को
कुछ कुछ जग्गू अलग सा दिखा और जैसा कि भूत ने सोचा था वैसा ही हुआ शांतु को शक होने लगा जग्गू रोज तीन से चार बार जंगल जाने लगा एक बार क्या हुआ कि जग्गू जंगल जा रहा था
तभी उसके पीछे पीछे उसका मालिक शांतु भी जाने लगा जग्गू के पीछे शांतु को आते देख भूत बहुत ही प्रसन्न हुआ और अपने प्लेन के अनुसार जग्गू के आगे एक बड़ा सा सोने का थैला गिरा दिया थैला
देखते ही शांतु के मन में लालच आ गया और वह दौड़ कर जग्गू को धक्का देकर वह थैला उठा लिया और जैसे ही वह थैला खोला शांतु ने उस थैले में सोने के बदले ईटे थे थैले के अंदर ईट देखकर शांतु भावुक हो गया
तभी पेड़ से भूत नीचे आया और शांतु से बोला पापी आदमी इसमें बहुत सारे सोने थे तुम्हारे छूने से यह पत्थर में बदल गए अब मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा तुम्हें मार दूंगा इतना सुनने के बाद सान तूने बोला
भूत से मेरे पास जितना भी धन है मैं तुम्हें सारा दे दूंगा मुझे छोड़ दो भूत ने शांतु को 1 घंटे का समय दिया शांति 1 घंटे में अपनी सारे पैसे सोने चांदी जेवरात सारे लाकर भूत को दे दिए और वहां से शांतु तुरंत
भाग गया शांतु के जाने के बाद वह सारे पैसे सोने चांदी जेवरात भूत ने जग्गू को दे दिए और वह सारे धन लेकर जग्गू अपने घर गया और जो सपना उसका था उसको उसने पूरा किया