a short story in hindi
एक बार की बात है एक जंगल में एक भालू रहता था जिसका नाम कालू था वह बहुत ही शक्तिशाली था उसके पास इंसानों की भाषा समझने की शक्ति थी और वह भालू उस जंगल में राज करता था
उसके सामने शेर भी कुछ नहीं बोल पाता था क्योंकि वह कालू भालू बहुत ही ताकतवर था एक बार क्या हुआ कि कालू भालू को अपने शक्तियों पर बहुत ही घमंड हो गया था
और वह जंगल के जानवरों पर राज करता था लेकिन उसको इंसानों पर भी राज करना था इसलिए वह एक दिन इंसानों की बस्ती के लिए सुबह निकला और चलते चलते शाम हो गई और वह इंसानों की बस्ती में पहुंच गया कालू भालू
गांव में बहुत घुमा पर सारे लोग सो गए थे लेकिन गांव के बाहर एक छोटी सी कुटिया थी उस कुटिया में एक बूढ़ा व्यक्ति और उसकी बेटी रहते थे और उनके पास एक गधा भी था जोकि उनके पेट भरने में काम आता था
उस गधे से गांव के लोगों का सामान ढोकर दूसरे गांव में पहुंचाते थे उससे उन्हें पैसे मिलते थे लेकिन कुछ दिनों से उनका गधा भी बीमार था गधे की दवाई लेने के लिए बूढ़े व्यक्ति की बेटी डॉक्टर के पास गई तभी
कुछ देर बाद गांव का सरपंच आया और बूढ़े व्यक्ति से बोला बाबाजी मेरे कुछ सामान है जो कि दूसरे गांव में पहुंचाने हैं बहुत ही आवश्यकता है अगर आप पहुंचा देते हैं तो जो रकम मांगेंगे वह मैं आपको देने के लिए तैयार हूं
लेकिन बूढा व्यक्ति अंधा था लेकिन कोई भी रकम क नाम सुनकर वह उठ खड़ा हुआ और सरपंच से बोला आप जाइए मैं आपका सामान पहुंचा देता हूं बूढ़ा व्यक्ति उठा और मुंह धोने के लिए नल के पास गया तभी उधर से कालू भालू आ रहा था
घूम घूम कर उसे भूख लग गई तभी उस कुटिया के पास कालू भालू को एक गधा बना हुआ दिखा वह दौड़ कर गया और उस गधे को खा गया गधा बड़ा था इसलिए कालू भालू खाने के बाद वहीं पर बैठ गया
और आराम करने लगा तभी बूढ़ा व्यक्ति आया और कालू भालू को गधा समझकर कान पकड़कर खींचने लगा कालू भालू यह देखकर डर गया और सोचने लगा या कौन व्यक्ति है जो एक भालू से भी
नहीं डर रहा कालू भालू अभी सोच ही रहा था सभी बूढ़ा व्यक्ति अपना छड़ी उठाया और कालू भालू को गधा समझकर 2 डंडे गिराया और खींच कर कालू भालू के ऊपर सरपंच का सामान रखकर बांध दिया सामान बहुत भारी था
कालू भालू लेकर सामान नहीं चल पा रहा था और सामान जल्दी पहुंचाना था दूसरे गांव इसलिए बूढ़ा व्यक्ति कालू भालू को डंडे मार मार कर जल्दी-जल्दी कैसे भी कर कर दूसरे गांव पहुंचा दिया दूसरे गांव पहुंचने के बाद सरपंच का
सामान लेकर बूढ़ा व्यक्ति सरपंच के घर में पहुंचा ने गया तभी कालू भालू सोचने लगा की इंसानों पर राज करना उसके मेरे बस का नहीं है और वह पीछे मुड़कर तेजी रफ्तार से जंगल की ओर भाग गया
तभी बूढ़ा व्यक्ति बाहर आया और कुछ लोगों से पूछा भाई मेरा यहां गधा था कहां गया एक आदमी ने बोला तुम अंधे हो क्या वह गधा नहीं भालू था और वह बहुत तेजी से जंगल की ओर भागा है यह सुनकर बूढ़ा व्यक्ति भावुक हो गया
और अपने घर आया और अपनी बेटी को सारी बातें बताइ यह सुनकर बूढ़े व्यक्ति की बेटी बोली कोई बात नहीं पिताजी हमें जो पैसे मिले हैं उनसे हम बहुत सारे गधे खरीद सकते हैं भालू का सपना टूट गया
और वह कभी मुड़कर इंसानों की बस्ती की ओर नहीं गया और उसकी राज करने की तमन्ना भी खत्म हो गई