Very Sad Story in Hindi
एक परिवार की कहानी एक घर में गार्जियन के रूप में एक भाई रहता था जिसका नाम था छोटू उसी घर में उसके दो और छोटे छोटे भाई थे जिनका नाम था
राम और श्याम माता पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी छोटू सारा दिन काम करता और अपने भाई राम और श्याम को अच्छी स्कूल में भेजता धीरे-धीरे समय गुजरता जाता है
राम और श्याम 20 साल के हो जाते हैं अच्छे स्कूल में छोटू ने भेज कर अच्छा काम किया क्योंकि राम और श्याम दोनों को रेलवे में सिलेक्शन हो गया था और उनको सरकारी नौकरी मिल गई थी
इससे छोटू बहुत खुश हुआ और अपनी पुरानी बातों को याद करने लगा कि मैंने अपने भाइयों का कितना ख्याल रखा आज मेरे भाई मेरा सपना पूरा कर दिए मैं
भले से मजदूरी करके इनको पढ़ाया लिखाया परंतु यह अपने पैरों पर खड़ा हो गए मैंने शादी नहीं की कि मेरी बीवी कहीं मुझे अपने भाइयों के खिलाफ भड़काना मैंने शायद जो
भी डिसीजन लिया वह सही लिया कुछ दिन बाद छोटू ने अपने दोनों भाइयों की शादी कर दी दोनों भाई अपनी बीवियों को लेकर शहर चले गए जहां पर जॉब करते थे छोटू
घर में अकेला हो गया परंतु उसको कोई दुख नहीं था उसे इस बात की खुशी थी कि उसने अपने दोनों भाइयों को एक सक्सेसफुली लाइफ दे दिया था छोटू
घर में अकेला बनाता खाता रहता और अपनी किसानी करता और थोड़ा बहुत मजदूरी भी करता इसी तरह काफी समय गुजर जाते हैं और एक दिन राम और श्याम घर आते हैं
और अपने भाई से कहते हैं कि भैया आप इस गांव में क्यों रहते हैं मेरे साथ शहर चलिए जो सुख शहर में है वह गांव में कहां है तभी छोटू बोलता है
ठीक कह रहे हो तुम लोग परंतु मुझे इस गांव की मिट्टी की खुशबू ही कुछ अच्छी ही लगती है दो-चार दिन तक राम और श्याम रहते हैं और अंदर ही अंदर अपने भाई के साथ गद्दारी कर लेते हैं
गद्दारी यह की जितनी प्रॉपर्टी रहती है वह सारा अपने नाम पर करा लेते हैं भाई को इसकी भनक लग जाती है परंतु भाई कुछ नहीं बोलता है बल्कि उनको सपोर्ट करता है और कहता है
ले जाओ यार मेरे आगे पीछे कौन है तुम्हारे आगे पीछे तुम्हारे बीवी बच्चे हैं लेकिन सिर्फ ऊपर के मन से दिल से छोटू आज बहुत दुखी था क्योंकि उसके सारे बनाए हुए सपने टूट चुके थे
जितना कुछ छोटू सोचा था वह सारे खत्म हो चुके थे कुछ दिन बाद राम और श्याम की जॉब खतरे में आ जाती है घूस लेने के चक्कर में और उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है
फिर अचानक छोटू के पास राम और श्याम आते हैं और कहते हैं कि भैया हमारी जॉब चली गई है हम क्या करें छोटू कहता है चिंता मत करो मैं हूं
खाओ पियो और यार रह सकते हो मेरे साथ लेकिन छोटू अब आज के डेट में एक खुद किराए के घर में रहता था भाइयों को अपनी गलतियों का एहसास हुआ और माफी भी
मांगी अब आप बताएं दोस्तों की माफ करना चाहिए या नहीं आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद