सोना और नाई Hindi Kids Story
एक गांव में गोपाल चंद नाम का एक व्यापारी रहता था वह बहुत ही दयालु था जितना कमाता उसमें से आधा हिस्सा गरीबों में बांट देता धीरे-धीरे उसकी सारी धन-दौलत खत्म हो गई और कर्जा चुकाने के लिए उसका घर और घर का सामान भी बिक गया और सोचने लगा कि भगवान ने मुझे किस गुनाह की सजा दी है कोई मुझसे बात तक नहीं करना चाहता गोपाल चंद सोच ही रहा था कि उसकी आंख लग गई और सपने में उसे एक ऋषि-मुनि दिखाई दिए उन्होंने उससे कहा सुनो गोपाल चंद मैं तुम्हारे घर आऊंगा कल तुम मुझे घर के अंदर बुला कर मेरे एक सर पर डंडे से वार करना मैं सोने में बदल जाऊंगा अगले दिन गोपाल चंद ने उठा अपने सपने पर उसे यकीन नहीं हुआ और उसने देखा तो नहीं आया हुआ था जो हफ्ते में 2 दिन उसके घर दाढ़ी बनाने आया करता था
वह दाढ़ी बना कर जाने ही वाला था तभी फिर से दरवाजे पर दस्तक हुई और गोपाल चंद ने दरवाजा खोला और देखा कि वही ऋषि-मुनि दरवाजे पर खड़े थे उसने अंदर बुलाया और उनके सर पर डंडा मारा और वह सोने में बदल गए और उसके बाद गोपाल चंद कहने लगा रहे मैं तो फिर से अमीर बन गया और जोर-जोर से हंसने लगा और कहने लगा मैं तो यह तो चमत्कार हो गया उसके बाद नाई के पास जाता है और कहता है यह तुम ले जाओ और इसके बारे में तुम किसी को बताना मत उसके बाद मैंने कहा शुक्रिया मालिक ऋषि मुनि के सर पर मारने से सोना बनता है मैं भी ऐसा ही
करूंगा और ना ही मैं सोचने लगा कि मैं भी ऋषि मुनि को घर पर बुलाता हूं और सर पर डंडा मारता हूं मेरे पास भी ढेर सारे सोने हो जाएंगे मैं भी अमीर हो जाऊंगा ऐसा सोचकर बिल्लू नारी सोच कर चल दिया ऋषि मुनि को भोजन के लिए निमंत्रण देने के लिए चलते-चलते उसके दिमाग में एक ख्याल आया क्यों ना मैं ज्यादा ऋषि-मुनियों को लेकर आऊं मुझे ज्यादा सोना मिल जाएगा उससे रास्ते में तीन ऋषि-मुनि दिखाई दिए वह तीनों ऋषि-मुनियों को अपने साथ चलने के लिए पूछा और कहने लगा मैं एक धमकी हिस्सा दान करना चाहता हूं आप मेरे घर पर मेरे साथ चलोगे मैं आपको भोजन के लिए आमंत्रण करना चाहता हूं
और ऋषि मुनि कहने लगे यह तो बहुत अच्छी बात है बेटा भगवान तुम पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें और तुम दाने फोन का काम करते रहो और बिल्लू खुश हो गया अब वह अमीर बन जाएगा ऋषि मुनि अंदर आए उन्हें घर में बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया और एक के बाद एक ऋषि मुनि को डंडे से सर पर मारने लगा पर वह सोने में नहीं बदले जैसे तैसे एक ऋषि मुनि वहां से भाग निकला और भागी रहा था तभी उसे रास्ते में गोपालचंद्र मिल गया और गोपाल चंद पूछने लगा क्या हुआ मुन्नीबाई आप भाग क्यों रहे हैं
तभी ऋषि मुनि कहा अरे वह आदमी पागल हो गया वह तो ऋषि-मुनियों को घर में बंद कर लिया है और उन्हें मारे जा रहा है और वह सोने सोना चिल्ला रहा है गोपाल चंद्र सारा किस्सा समझ गया और वह भाग कर बिल्लू के घर गया और बोला रुक जाओ ब्लू यह क्या कर रहे हो तुम मत मारो यह नहीं यह सोने में नहीं बदलेंगे इन्हें छोड़ दो और इसी तरह गोपाल चंद दोनों रिसीव को जान बचाता है और नाई को वह अपनी सपने वाली बात बताता है और उसे सैनिकों के हवाले कर देता है उसके बाद नहीं समझ गया किसी की याद ही बात जानकर नकल करने का क्या सजा मिलता है धन्यवाद