Short Moral Stories For Kids in Hindi
एक गांव में एक पंडित जी रहते थे वह पंडित जी बहुत ही दयालु है जितना दयालु थे उतना ही अपने बेटे को मानते भी थे एक दिन उनका बेटा भोला पापा मेरे लिए Short Moral Stories For Kids in Hindi
मछलियां लेते आओ मैं उन्हें पा लूंगा पंडित जी मछलियां खरीद लाये दो-तीन दिन तक उनका बेटा अच्छे से मछलियों का ख्याल रखा उसके बाद टाइम से खाना भी नहीं
खिला तो यह सब देख कर पंडित जी को बहुत गुस्सा आया और पंडित जी ने कहा जब तुम्हें मछलियों का ख्याल नहीं रखना था तो तो मछली क्यों मंगवाए
कुछ दिन बाद पंडित जी को लड़के को कुत्ते बहुत पसंद आया और उसने पंडित जी से जिद कर दिया पंडे जिसके बातों में आकर उसके लिए एक कुत्ते का बंदोबस्त किया
दो-तीन दिन तक उनका बेटा कुत्ते के साथ खेलता घूमता रहता फिर धीरे धीरे बोर हो चुका था फिर कुत्ते को भी टाइम से खाना नहीं देता एक दिन पंडित जी पूछे
तुम कुत्ते को टाइम से खाना नहीं खिला रहे हो क्या बेटे ने जवाब दिया पापा मेरे एग्जाम चल रहे हैं मैं एग्जाम की तैयारी कर रहा हूं इसलिए मैं भाभी का ख्याल नहीं
रह पा रहा पंडित जी का लड़का अच्छे नंबर से पास हो गया और उसने जिद किया कि मुझे तोता चाहिए उसके जिद में आकर पंडित जी ने उसके लिए
तोता खरीद लाया कुछ दिन बाद तोते के साथ भी खेलते खेलते हैं पंडित जी का लड़का बोर हो चुका था पंडित जी किसी काम से घर से बाहर जा रहे थे
उसी समय अपने बेटे से बोला कि तुम जानवरों का ख्याल रखना मैं बहुत जल्दी लौट आऊंगा और इतना कहकर पंडित जी चले गए किसी काम से
उनका बेटा घर में गया अभी जोर से हवा आई और दरवाजा लग गया बेचारा पंडित जी का लड़का सुबह से शाम तक भूखा रहेगा तभी पंडित जी जब वापस है
तो पंडित जी के बेटे ने सारी बातें बताई पंडित जी बोले कि तुम सुबह से भूखे हो तो तुम्हें ऐसा लग रहा तुम सोचो इन जानवरों को टाइम से खाना नहीं देते हो
इन्हें कैसा लगता होगा यह बेजुबान जानवर है अगर जो हम इन्हें पोस रहे हैं तिनका देखभाल भी करना हमारी जिम्मेदारी है तो कैसे लगी यह कहानी दोस्तों हमें
कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद