Rickshaw wale ki kahani
एक रिक्शा वाले की कहानी एक गांव में एक रिक्शावाला था जो रिक्शा चलाकर अपने घर वालों का पेट पालता था वह अपनी जिंदगी से बहुत ही खुश था
क्योंकि उसके पास काम करने के लिए उसका खुद का रिक्शा था वर्क से लेकर रोज सुबह रेलवे स्टेशन पर जाता और वहां से सवारी लेकर उनके मंजिल
तक पहुंचाता लेकिन उसकी बीवी उससे खुश नहीं रहते उसके बीवी के मन में यह रहता कि यह और पैसे कमाते तो हम लोग और भी खुशहाल से जीते हैं
परंतु रिक्शावाला इतने पैसे से ही खुश था क्योंकि इससे उसका गुजारा और उसके परिवार का गुजारा हो जाता था 1 दिन रिक्शावाला घर नहीं आया और
रात भर सवारी को उसके मंजिल तक पहुंचाता रहा जिससे उसे कुछ ज्यादा पैसे मिले परंतु अगले दिन रिक्शावाला रेलवे स्टेशन नहीं जा पाया क्योंकि उसे नींद
लग रही थी उसकी बीवी उसे जबरदस्ती उठाकर रेलवे स्टेशन भेज दी रिक्शा वाला रिक्शा चला रहा था और उसे नींद भी आ रही थी दो बार एक्सीडेंट होने से
भी बचा रिक्शावाला समझ गया कि ज्यादा पैसे के लालच में मैं अगर जो दिन रात मेहनत करूंगा तो मेरा बुरा ही होगा उसने अपना टाइम चेंज कर दिया उसने
सोचा रात में सवारी बहुत ज्यादा मिलती है क्योंकि रात में कोई रिक्शावाला रेलवे स्टेशन पर नहीं रहता है दिन में तो बहुत सारे रिक्शेवाले रेलवे स्टेशन पर रहते हैं
यह सोचकर रिक्शावाला अब नाइट ड्यूटी करने लगा और वह ढेर सारा पैसा कमाने लगा रिक्शा से एक कार खरीदा फिर से सवारी ढोने लगा धीरे-धीरे करते करते हैं
उसने बस ले लिया और बस से सवारी ढोना स्टार्ट कर दिया इस तरह करते-करते रिक्शावाला आज के दिन लखपति बन गया इसीलिए कहते हैं दोस्तों कोई भी
काम छोटा और बड़ा नहीं होता है बस मेहनत और लगन और ईमानदारी रहनी चाहिए काम का सही समय काम करने का सही समय सब कुछ हमें खुद डिसाइड करना पड़ता है
तभी हम जाकर आगे कामयाबी की तरफ बढ़ते हैं तो कैसी लगी स्टोरी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद