my childhood summary in hindi
एक गांव में एक लकड़हारा रहता था वह दो भाई थे एक का नाम राम था और दूसरे का नाम श्याम था राम बहुत ही मेहनती था वह रोज सुबह उठकर जंगल
में लकड़ियां काटने चला जाता था वहीं पर श्याम बहुत ही आलसी था वह अपने काम समय से नहीं करता था शाम को लगता था कि मैं लेट से भी उठाऊंगा तो भी
जंगल जाऊंगा तो मुझे लकड़िया मिल ही जाएंगे और राम यह सोच कर उठता था कि आज मैं जल्दी जाऊंगा तो मैं जल्दी घर भी लौट आऊंगा जिसके कारण से
मैं बाजार जा कर लकड़ियों को भेज पाऊंगा और समय से मेरी लकड़िया बिग भी जाएंगे परंतु शाम इस बात को नहीं सोचता था इसी तरह धीरे-धीरे राम बहुत ज्यादा
अमीर होने लगा और शाम वहीं का वहीं करीब रह गया श्याम के मन में यह चीज हमेशा आता रहता था कि आखिर में राम ने ऐसा क्या किया जो मेरे से जल्दी अमीर हो
गया परंतु श्याम के दिमाग में यह नहीं चलता था कि मैं तो काम करता ही नहीं हूं राम तो दिन रात काम करता है इसलिए हम अमीर बन गया श्याम 1 दिन चुपके से राम
के घर में घुस गया और घुसने के बाद उसने देखा कि इस राम अपनी तिजोरी में ढेर सारे पैसे रख रहा है शाम चुपके से सारे पैसों को चुरा लेता है और वह अपने घर में
लेकर चला आता है धीरे से देखते देखते श्याम भी अमीर बन गया लेकिन चुराए हुए पैसे कितने दिन चलेंगे राम तो मेहनत ही था वह मेहनत करके फिर से अपना
धन इकट्ठा कर लिया परंतु शाम उसी धन को भेजकर खाने लगा तो कहते हैं दोस्तों कभी भी आलस करना हमारे सेहत के लिए हानिकारक होता है हमारा मन जो होता है
वह कभी नहीं चाहता कि हम किसी कार्य को करें बल्कि हम उस मन को तोड़कर किसी भी कार्य को करने में सक्षम होते हैं तभी हम सफल पूर्वक एक इंसान कहलाते हैं
तो दोस्तों कैसी लगी स्टोरी हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद