mara hua chuha childhood story in hindi
एक समय की बात है एक गांव में एक रवि नाम का लड़का रहता था जो बहुत ही ईमानदार था वह अपने काम की तलाश में दर-दर भटक रहा था mara hua chuha childhood story in hindi
एक दिन अपने घर से सुबह उठा और काम की तलाश में निकल पड़ा कुछ दूर गया तो उसे कुछ बाजार दिखाई दिए उस बाजार में जाकर सभी लोगों से कहने लगा क्या मुझे कोई काम मिल सकता है परंतु कोई भी उसे काम नहीं दिया उस समय रवि बहुत भूखा था और उसे प्यास भी लगी थी
उसने बगल के नदी में पानी पी परंतु खाना खाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे तभी वहां से महाराज और राज्य का राजा दोनों वहां से गुजर रहे थे
और वह कहते हुए जा रहे थे की एक बहुत ही बड़ी बात है कि हम एक अच्छे इंसान की पहचान कैसे कर सकते हैं तभी महाराजा ने कहा बहुत ही आसान तरीका है
किसी अच्छे इंसान को पता करना राजा साहब ने कहा वह कैसे तभी महाराजा ने कहा यह जो सामने मरा हुआ चूहा है अगर जो किसी सच्चे इंसान को मिल जाए और मेहनती इंसान को तो यह मरे हुए चूहे से भी वह करोड़ों कमा सकता है वहां खड़ा होकर रवि सारी बातें सुन रहा था रवि ने महाराजा की बात सुनकर
उस मरे हुए चूहे को उठा लिया तभी राजा साहब बोले यह लो भविष्य का करोड़पति और हंसने लगे रवि वहां से चलते हुए एक जंगल से गुजर रहा था तभी उस जंगल में
एक आदमी दिखाई दिया जिस आदमी के पास एक बिल्ली थी बिल्ली चूहे को देखें तो तुरंत उस आदमी के गोद से उतर गई तभी बिल्ली का मालिक बोला क्या तुम मुझे अपना मरा हुआ चूहा दे सकते हो तभी रवि ने कहा बिल्कुल मैं आपको देख सकता हूं लेकिन इसके बदले तुम मुझे अपना नारियल दे दो
तो बिल्ली के मालिक को यह बात अच्छी लगी और उसने अपना नारियल दे दिया और उसके बदले उसका चूहा बिल्ली को दे दिया रवि उस नारियल को लेकर थोड़ी दूर गया तो उसे एक मंदिर दिखाई दिया मंदिर के सामने नारियल लेकर बैठ कर बेचने लगा बहुत से ग्राहक आए और उसके नारियल पूरे खत्म हो
गए उस नारियल को बेचकर कुछ पैसे मिले उस पैसे से खाना खाया और एक कुल्हाड़ी खरीदी कुल्हाड़ी लेकर लकड़ियां काटने निकल गया लकड़ियां काट कर वहां से बेचने के लिए आ रहा था तभी उसे एक कोहार दिखाई दिया कहार ने कहा यह लकड़िया मुझे दे दो मुझे बर्तन पकाना है इसके बदले मैं
तुम्हें पैसे दूंगा रवि उसको हार से पैसे लेकर चल दिया इसी तरह वह तरह तरह के काम को करने लगा धीरे-धीरे उसके आमदनी भी बढ़ गई उस पैसे से घोड़ा खरीदा घोड़ा खरीदने के बाद उस घोड़े पर बैठकर 1 दिन दूर निकल पड़ा तभी उसने देखा कि कुछ किसान अपने खेतों में परेशान दिख रहे थे रवि
उस किसान के पास गया और बोला अरे भाई मैं क्या तुम्हारी मदद कर सकता हूं तभी एक किसान ने कहा जी हमारी हर मिट्टी में फंस गई है इसे निकाल दे तो बहुत ही आपकी मेहरबानी होगी हल को अपने घोड़े में बांधा और किसान के हल फंसे हुए थे वह निकल गए किसान इससे खुश होकर बोले
हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं तभी रवि ने कहा जब मदद की जरूरत होगी तो हम आपको बता देंगे तभी एक किसान ने कहा ठीक है लेकिन फिलहाल में अभी तुम अपने घोड़े के लिए घास लेकर जाओ और किसान ने उसे ढेर सारी घास दे दिए वह घास लेकर रवि चल पड़ा कुछ दूर गया तो
एक व्यक्ति अपना बैलगाड़ी लिए खड़ा था तभी रवि वहां अपना घोड़ा रोका और बोला भाई तुम इस बीच जंगल में अकेले क्या कर रहे हो तभी उस बैलगाड़ी ने वाले ने कहा मेरे बैल बड़ी भूखे हुए हैं इसीलिए आगे नहीं बढ़ रहे हैं रवि ने अपना घाट उतारा और उनके बालों को दे दिया जिससे बालों का
पेट भर गया वह बैलगाड़ी वाला कोई मामूली आदमी नहीं था बल्कि एक बहुत ही बड़ा सेट था उससे खुश होकर उसे एक गठरी दिया उस गठरी में ढेर सारे सोने थे रवि लेकर बहुत खुश हुआ और वह महाराजा के पास पहुंच गया और महाराजा से बोला मैं आपको गुरु दक्षिणा देना चाहता हूं इंकार
मत कीजिएगा मैं आपके बताए हुए मार्ग पर चलकर आज मैं एक कटरी सोने का मालिक बन चुका हूं तभी महाराजा ने राजा साहब से कहा देख लिया एक सच्चे इंसान की अहमियत क्या होती है और एक ईमानदार व्यक्ति अपने मेहनत के बलबूते कुछ भी कर सकता है और उस रवि को उस राज्य
का मंत्री बना दिया गया तो कैसी लगी है कहानी दोस्तों हमें कमेंट करके बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद