Kanjus Banjara Story
बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक बंजारा रहता था वह दूसरे दूसरे गांव में जाकर नाच गाकर अपना पेट पालता था उस बंजारे का एक सरदार था जिसका नाम लोहा था
लोहा बहुत ही घमंडी था जितने लोग कमा कर लाते सरदार के सामने रख देते थे और सरदार उनको ठीक से खाना भी नहीं देता था देखते देखते उसके टीम के सभी लोगों से परेशान होने लगे
कि अब करे तो करे क्या तभी एक राजा लोहा को बुलाया और कहा आज मेरे राज महल में तुम सबको आना है और नाच गाकर मेरा मनोरंजन करना है लोहा बोला ठीक है महाराज मैं आज मैं
आज आपके साथ पूरी रात आपका मन रंजन कर आऊंगा मनोरंजन स्टार्ट हो गया और नाच गाना होने लगा नाच गाना 5 घंटे तक चलता रहा खत्म होने के बाद कहां राजा साहब खुश होकर
उस बंजारे को ढेर सारे सोने की मुद्रा दिए पंजारा लेकर बहुत खुश हुआ और अपने कबीले में लौट आया कबीले को लोगों को खुश होकर उसने उस दिन भर पेट सब को खाना खिलाया अगले दिन से फिर से लोहा का
वही रुतबा चलने लगा बंजारे अब धीरे-धीरे परेशान होकर छोड़ छोड़कर भागने लगे और दूसरे टीम ज्वाइन करने लगे इस तरह लोहा अकेला पड़ गया तो इसीलिए कहते हैं दोस्तों बुरे काम का नतीजा हमेशा बुरा होता है
और अच्छे काम का नतीजा हमेशा अच्छा होता है तो इसीलिए कभी भी हमें किसी को भी सताना नहीं चाहिए चाहे वह हमसे छोटा हो या बड़ा हो अगर जो हम कहीं किसी मजदूरों से काम कर आते हैं
तो उसका पूरा खयाल रखना हमारा कर्तव्य होता है किसी का ₹1 खाने से हम राजा नहीं हो जाएंगे तो इसीलिए दोस्तों कभी भी किसी को भी मत बताइएगा इस कहानी से हमें यही सीख मिलता है
कि हमें कभी किसी को सताना नहीं चाहिए तो दोस्तों आप सभी को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद