kanjoos vyavasaay some stories in hindi
एक गांव में एक बहुत ही कंजूस सेठ रहा करता था वह अपने कंजूसी करके बहुत सारा धन इकट्ठा कर लिया था अब उस धन को एक दिन जाकर के सोने के सिक्के में बदल आया और उसे अपने साथ ही रख कर सोता था जिससे उसकी रातों की नींद भी अब खराब हो गई थी यह सोच कर कहीं यहां चोरा कर उन पैसों को चुरा ना ले इस तरीके से काफी दिन हो kanjoos vyavasaay some stories in hindi
गया तब एक दिन वह कंजूस व्यक्ति सोचा क्यों ना इस पैसे को एकदम सेपरेट जगह रख दिया जाए जहां से कभी चोरी ही ना हो यह सोचते हुए अपने बगीचे में चला गया वहां पर एक पेड़ के नीचे उस पैसे को गाड़ दिया और रोज रात में एक बार उन पैसों को आकर देखा करता था एक दिन अचानक उसके घर में एक नौकर रहता था kanjoos vyavasaay some stories in hindi
उस नौकर ने देख लिया कि मालिक रोज बगीचे में क्या करने जाते हैं 1 दिन चुपके से मालिक के पीछे पीछे जाकर देखा उसकी नियत में बदलाव आया और उसने पूरे पैसे को मालिक के जाते ही निकाल कर वहां से भाग कर अपने घर पर ले जा कर रख दिया तभी अगले दिन जैसे वह कंजूस आदमी गया तो देखा कि वहां उसके पैसे नहीं थे
जिससे वह बहुत ही परेशान हो गया और रोने लगा उस की रोने की आवाज सुनकर बगल के पड़ोसी जमा हो गए तभी उन्हें वह सारी बात बताई पड़ोसियों ने कहा कि ऐसे धन का क्या फायदा जब तुम्हारे यूज में ही ना आए और यह कह कर चले गए तभी उस कंजूस आदमी के मन में ख्याल आया और उसने उस थैले
में पत्थर रखकर फिर से वहां रख दिया और उस पर निगरानी करने लगा रोज-रोज जैसे सोने के सिक्के को देखने जाता था वैसे ही उस पत्थर को देखने के लिए रोज जाने लगा नौकर ने सोचा मालिक फिर से वहां पर लग रहा है कुछ रखे हैं और यह सोचकर नौकर फिर से वहां जाकर थैली चुराने की कोशिश किया और इस बार वह नौकर पकड़ा गया
नौकर ने मालिक के सारे सिक्के को वापस कर दिया जो उसने चोर आए थे और अपने मालिक से माफी मांगा तो दोस्तों इसीलिए कहते हैं कि कभी किसी की धन को देख कर लालच नहीं करना चाहिए हमें थोड़ा मिले या ज्यादा मिले हमें उसी में गुजारा करना चाहिए और आगे बढ़ने की कोशिश करना चाहिए