chor ki kahani bachchon ki kahaniyan
एक समय की बात है एक गांव में एक जेबकतरा रहता था उसका नाम श्याम था वह लोगों का पैकेट काटता था और वह पैसे लेकर अपना अपने बीवी बच्चों
का पेट भरता था 1 दिन अचानक श्याम के मन में आया क्यों ना आज मंदिर चला जाए और वहीं पर चेक काटा जाए और श्याम मंदिर चला गया वहां पर बहुत
लोग का जेब काटा उसके पास बहुत सारे पैसे हो गए उन पैसों को लेकर आकर गिन रहा था तभी एक पर्स में एक लेटर था जिस लेटर में लिखा था मां मेरी नौकरी
छूट गई है मैं आप पैसे नहीं भेज पाऊंगा मेरी नौकरी जैसे ही लगेगी मैं फिर से पैसे भेजने लगूंगा श्याम के दिमाग में सब कुछ समझ में आ गया कि मैं कितना
बड़ा पाप कर रहा हूं मुझे यह सब नहीं करना चाहिए बेचारे की नौकरी चली गई है और जो बचा कुचा पैसा था वह मैंने चुरा लिया और श्याम को समझ में आया
श्याम ने लिखे हुए एड्रेस पर मनी ऑर्डर किया और श्याम ने जिसका पर्स मारा था उसको भी मनी ऑर्डर किया और माफी मांगे और इमानदारी से गोलगप्पे की
दुकान खोल लिया अब गोलगप्पे बेचने लगा श्याम ईमानदारी की कमाई से अपना और अपने बीवी बच्चों का पेट भरने लगा दोस्तों अगर जो हम गलत काम करते हैं
किसी के पैसे चुराते हैं वह किस काम के लिए रखा है वह तो हम नहीं जानते हैं हो सके जिस पैसे को हम छू रहे हैं उस पैसे से किसी की जिंदगी बचने वाली हो
और आप उस पैसे को चुरा लेते हैं तो इस तरीके से दोस्तों इंसानियत खत्म हो जाती है यह पोस्ट आप सभी दोस्तों को बेहद ही पसंद आया होगा पसंद आया होगा तो कमेंट करके हमें जरूर बताइएगा