raja aur rani ki kahani hindi
एक राजा शिकार करने के लिए जंगल में निकल पड़े तभी उन्हें एक खूबसूरत हिरण दिखाई दी राजा ने उस हिरण का पीछा किया लेकिन थोड़े ही देर में पता नहीं हिरण कहां गायब हो गया राजा निराश होकर लौटी रहे थे तभी उन्होंने किसी को बात करते हुए सुने जब जाकर देखा वहां कुछ पंछी बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे कह रहे थे रानी रुक्मणी बहुत ही खूबसूरत हैं मैं वहीं से घूम कर आया हूं उनकी खूबसूरती का मिसाल नहीं है तभी राजा पूछने ही वाले थे की रानी रुक्मणी कौन है raja aur rani ki kahani hindi
सारे पंछी वहां से भाग गए तभी राजा अपने घर आए और अपने माता से पूछने लगे माता यह रानी रुक्मणी कौन है मां ने जवाब दिया बेटा इस एरिया में कोई भी रानी रुक्मणी नहीं है तुम्हें यह बात कहां से पता चला तभी राजा ने कहा कुछ पंछी बात कर रहे थे रानी रुकमणी के खूबसूरती के बारे में तभी राजा के पिताजी वहां पर आ पहुंचे और उन्होंने कहा क्या पंछी बात कर रहे थे raja aur rani ki kahani hindi
राजा ने कहा जी हां पिताजी तभी राजा के पिताजी ने कहा रानी रुकमणी नाम का कोई भी रानी इस राज्य में नहीं है लेकिन राजा को सिर्फ एक ही बात का रट लगाए हुए थे कि उन्हें रानी रुक्मणी को देखना है और वह अपने पिताजी से इजाजत लिए और अकेले निकल पड़े चाह कर भी उनके माता-पिता नहीं रोक पाए चलते चलते कुछ दूर गए तब वहां एक नदी के किनारे विश्राम करने की सोचिए वहां पर राजा पानी पिए और अपना खाना की गठरी को खोला तो मिठाइयों में चींटी लगी हुई थी raja aur rani ki kahani hindi
राजा उस गटरी को जमीन पर रखा और वहां से जाने लगे तभी चींटी के राजा आवाज लगाएं राजा आप बहुत ही दयालु हैं अगर जो हम आपके किसी काम आ सके तो हमारी खुशनसीबी होगी राजा यह बात सुनकर वहां से चल पड़े कुछ दूर जंगल में गए तो एक कड़वा आवाज जंगल से सुनाई दिया राजा वहां जाकर देखें तो वहां पर एक शेर जख्मी हालत में पढ़ा हुआ था raja aur rani ki kahani hindi
राजा जब वहां उतर कर गए तो देखा शेर के पैरों में कांटे गढ़े हुए थे शेर ने कहा मेरे पैरों के कांटे तुम निकाल सकते हो राजा ने कहा मैं अगर जो इन कांटो को निकाल देता हूं तो तुम मुझे खाओगे तो नहीं शेर ने कहा नहीं मैं वादा करता हूं कि मैं आपको नहीं खाऊंगा तभी राजा उस शेर के पैर के पास गए और उस कांटे को निकाला तभी शेर जोर से चिल्लाया शेर की आवाज सुनकर शेरनी वहां पर दौड़े दौड़े पहुंची शेरनी सूची राजा शेर को मार रहे हैं raja aur rani ki kahani hindi
तभी शेर बोला नहीं यह मुझे मार नहीं रहे बल्कि हमारी मदद कर रहे हैं इन्होंने हमारे पैर में लगे हुए कांटे को निकाला है यह बात सुनकर शेरनी बोली राजा साहब जब भी हमारी जरूरत पड़ेगी तो आप हमें याद कीजिएगा हम आपकी सहायता जरूर करेंगे जंगल में थोड़ी दूर और निकल कर गए तो यह छोटी सी कुटिया दिखाई दे उसमें एक बुजुर्ग आदमी था उसे प्यास लगी हुई थी राजा ने उसे अपने हिस्से की पानी को पिलाया तभी तो बुजुर्ग बोला मेरी कोई औलाद नहीं है
मैं आज तुम्हें तीन जादुई चीज दूंगा जिससे तुम जो चाहे वह कर सकते हो पहली जादुई चीज जादुई कालीन जिस से उड़कर राजा कहीं भी जा सकते थे उसके बाद उस बुजुर्ग ने जादुई तलवार दी आतिश का आखरी जादुई झूला जिस झूले से जो कुछ भी मांगते वह राजा को मिल जाता जादुई कालीन पर राजा बैठकर बोले मुझे रानी रुकमणी के दरबार में ले चलो राजा वहां पहुंचने के बाद सब से पूछताछ किए तो पता चला रानी रुक्मणी शाम को अपने बालकनी से झांकती हैं
राजा शाम होने का इंतजार करने लगे तभी राजा ने देखा रानी रुक्मणी का खूबसूरती उनके खूबसूरती पर मोहित हो गए और अपनी जादुई कालीन से बोले मुझे रानी के रूम में ले चलो तभी वहां जाकर देखा रानी करीब से और भी खूबसूरत लग रही थी राजा को यह देखा नहीं गया झूले में हाथ डाले और झोले से बोले दुनिया की सबसे खूबसूरत अंगूठी निकालकर दो रानी रुक्मणी को अंगूठी पहनाने के लिए हाथ जैसे पकड़े रानी जग गई
और कहने लगी तुम कौन हो राजा ने अपना परिचय दिया और कहा रानी रुक्मणी मैं आपसे शादी करना चाहता हूं रानी रुक्मणी इस बात को सुनकर बोली इसके विषय में हमारे पिताजी से आपको बात करनी होगी राजा रुक्मणी के पिता जी से बात करने चले गए राजा ने कहा मैं रुक्मणी से शादी करना चाहता हूं रुक्मणी के पिता जी ने कहा ठीक है लेकिन हमारी तीन शर्त है अगर जो तुम इसे पूरा कर लेते हो तो मैं रानी रुक्मणी का हाथ तुम्हारे हाथ में दे दूंगा राजा ने कहा ठीक है
मुझे मंजूर है पहली शर्त थी 10 बोरी सरसों का तेल 1 दिन में निकालना था राजा सोच में पड़ गए अब मैं क्या करूं कैसे निकालूं तभी उन्हें ध्यान आया कि यह काम चींटी बहुत आसानी से कर सकती हैं राजा चीटियों को आवाज लगाएं चींटी वहां पर पहुंची और राजा की बात सुनकर चींटी अपने काम में लग गई कुछ ही देर में 10 बोड़े सरसों का तेल निकाल दिए रुक्मणी के पिता जी जब देखे तो बहुत प्रसन्न हुए अब उनकी दूसरी शर्त थी एक गुफा में दो राक्षस रहते थे उन दोनों राक्षसों को मारना था
गुफा के पास राजा जैसे पहुंचे तब उन्हें ध्यान आया यह काम शेर बहुत आसानी से कर सकते हैं तभी राजा ने शेर को आवाज लगाई और सारी बातें बताइए शेर ने कहा ठीक है मुझे मेरा भोजन भी मिल गया और आपका काम भी हो जाएगा शेर गुफा में घुस कर दोनों राक्षसों को मार डाले अब तीसरी सार्थ थी एक मोटा सा पेड़ को दो बार में ही काट के गिराना था
तभी राजा को जादुई तलवार के बारे में ख्याल आया और राजा ने जादुई तलवार निकाला एक ही बार में मोटे से पेड़ को काट कर गिरा दिया तभी रुक्मणी के पिता जी प्रसन्न हुए और रानी रुक्मणी का हाथ राजा के हाथ में दे दिया तो कैसी लगी कहानी दोस्तों कमेंट करके जरूर बताइएगा धन्यवाद