moral stories for hindi
एक गांव में एक किसान रहता था जो हमेशा खुशहाल जिंदगी जीता था उसकी एक बीवी थी और वह था वह खेत में काम करता और शाम को घर आता और दोनों परिवार हमेशा खुश रहते हैं moral stories for hindi
कुछ दिन गुजर गए उन्हें दो बच्चा हुआ यानी जुड़वा बच्चे वह दोनों बच्चे को सोचने लगे किन का नाम क्या रखा जाए तभी एक का नाम राम और दूसरे का नाम श्याम रख दिया गया कुछ दिन बाद वह बड़े हो गए लेकिन उनके अंदर एक खराब आदत थी कि वह आपस में लड़ते थे moral stories for hindi
इस तरह एक दिन राम और श्याम घर पर लौट के आए और दोनों ने मां से अपने खाना मांगा मां खाना ही ला रही थी तभी राम कहने लगा पहले खाना मुझे दो श्याम कहने लगा कि पहले खाना मुझे दो दोनों आपस में लड़ने लगे तभी उस मा ने कहा खाना तो मैं दोनों के लिए लेकर आई हूं लेकिन अब दोनों में से किसी को खाना नहीं मिलेगा क्योंकि तुम दोनों आपस में क्यों लड़ रहे हो इसलिए मैं दोनों में से किसी को खाना नहीं दूंगी फिर भी मां मां होती है moral stories for hindi
इन दोनों को खाना दे दिया और खाना लेकर उस किसान के पास खेत में चली गई वहां जाने के बाद वह सारी बातें बताई तभी उसने कहा चिंता मत करो कल से मैं अपने राम बेटे और श्याम बेटे को दोनों को खेत में काम पर लगा दूंगा जिससे कि वह हारे थके रहेंगे तो झगड़ा नहीं करेंगे अगले दिन राम और श्याम को खाना दे दी मां ने उसके बाद दोनों को बोल दिया कि तुम दोनों खेत में जाओ अपने पापा का हाथ बताओ दोनों खेत के तरफ चल दिए तभी उस किसान ने
कहा कि आज हम बैल के नाल को ठोकेंगे तुम दोनों बैल का सिंह पकड़ोगे और मैन पुराने नाल को निकाल लूंगा और नए नाल लगा लूंगा राम और श्याम दोनों सिंह को पकड़े थे और किसान उस नाल्को निकाला और निकाल कर लगाने ही वाला था तभी अचानक राम और श्याम दोनों लड़ने लगे इस बात को लेकर कि तुम सही से नहीं पकड़े हो और तुम सही से नहीं पकड़े हो तभी अचानक उस किसान का ध्यान भटक जाता है और बैल लात मार देता है जिससे किसान को चोट लग जाती है
और वह किसान घर आता है बीवी देखकर परेशान हो जाती है तभी किसान सारी बात बताता है और किसान की बीवी राम और शाम की खूब पिटाई करती है तभी किसान को दया आता है और वह दोनों को छुड़ाकर रूम में भेज देता है लेकिन बीवी बड़ी चिंता में थी कि अब करे तो करे क्या तभी ने किसान ने कहा कि अब समय आ गया है
इनको सही रास्ता दिखाने का तुम एक काम करो एक लकड़ी का गठरी लेकर आओ और यहां पर रख दो और उन दोनों को बुलाओ किसान की बीवी फटाक से ना एक लकड़ी की गठरी लाती है और उसे रख देती है और दोनों को बुलाती है किसान कहता है अपने बेटे से किसान बोला इस लकड़ी की गठरी को जो तोड़ देगा उसे मैं इनाम दूंगा फिर राम और श्याम लड़ने लगे कि पहले मैं तो लूंगा पहले मैं तोडूंगा तभी किसान ने कहा राम सबसे पहले तुम तोड़ो गे इस कचरे को राम बहुत कोशिश किया पैरों से तोड़ने की कोशिश किया सर से किया लेकिन घड़ी नहीं टूटी क्यों की ढेर सारी लकड़िया थी
तभी श्याम का नंबर आया और श्याम ने भी बहुत कोशिश की लेकिन लकड़ी की गठरी नहीं टूटी तभी उस किसान ने कहा अब एक काम करो घड़ी में से एक एक लकड़ी निकाल कर तोड़ो राम और श्याम दोनों एक एक लकड़ी निकाल कर तोड़ना स्टार्ट कर दीजिए तभी उस किसान ने कहा बिल्कुल तुम इस गठरी की तरह हो
अगर जो तुम अकेले रहोगे तो तुम्हें कोई भी तोड़ सकता है लेकिन तुम मिलजुल कर रहोगे तो तुम्हें कोई नहीं तोड़ सकता है राम और श्याम को अपनी गलती पर पछतावा हुआ और उन्होंने माफी मांगा तो इसीलिए कहते हैं दोस्तों एकता सबसे बड़ी होती है अगर जो हमारे पास एकता होगी तो हमें कोई जवाब नहीं दे सकता तो कैसी लगी कहानी दोस्तों कमेंट करके जरूर बताइएगा धन्यवाद