motivational stories for children
छोटे बच्चे की कामयाबी। एक लड़का था जिसका नाम रोहन था उसके माता-पिता नहीं थे। बचपन में उसके माता पिता की मृत्यु हो गई थी। रोहन बिल्कुल अकेला था उसे समझ नहीं आ रहा था
कि वह क्या करें लोगों से भीख मांग कर अपना गुजारा करता था धीरे-धीरे रोहन अब। 6 साल का हो चुका था परंतु अभी भी रोहन को यह समझ में नहीं आ रहा था। कि वह क्या करें? और कैसे अपना गुजारा करें?
बगल में एक स्कूल था जहां पर रोहन जाने के लिए बहुत ही उत्साह था। रोहन सोच रहा था कि मैं भी इस स्कूल में पढ़ाई करूंगा परंतु पढ़ाई करने के लिए रोहन के पास पैसे नहीं थे।
रोहन ने सोचा क्यों ना मैं भीख मांग कर अपनी पढ़ाई के लिए कॉपी किताब इकट्ठा कर लो रोहन ने ऐसा ही किया। परंतु कॉपी किताब तो खरीद लिया। लेकिन उसके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे।
रोहन शाम को रेलवे स्टेशन के पास भीख मांगने चला जाता और दो-तीन घंटे में जितना भीख मांग सकता था उतना मांगता था और दिन में अपनी पढ़ाई पूरी करता था। धीरे-धीरे रोहन बड़ा होता गया।
और लोग उसे देखकर ताना मारते गए तुम इतने हट इकट्ठे हो कोई काम क्यों नहीं करते? परंतु, रोहन। किसी की बातों का बुरा नहीं मानता था। क्योंकि रोहन यह समझता था
कि मैं अगर जो काम काज करने लगूंगा तो मुझे पूरे 12 घंटे या 8 घंटे काम करने पड़ेंगे तब मुझे पैसे मिलेंगे इस बीच में पढ़ाई अच्छे से नहीं कर पाऊंगा इसीलिए रोहन ने भीख मांगना अपना जारी रखा और धीरे-धीरे रोहन की।
12वीं क्लास फाइनल हो गई रोहन ने सोचा अब आगे की पढ़ाई करने के लिए मुझे साथ में काम करना और पढ़ाई करना दोनों ही करना पड़ेगा रोहन ने अपने। सोचने के मुताबिक। काम भी करने लगा और अपनी आगे की पढ़ाई जारी कर दी देखते ही देखते रोहन।
ने अपना एडमिशन पॉलिटेक्निक कॉलेज में कराई। जहां की फीस बहुत ही ज्यादा थी परंतु। रोहन ने हार नहीं माना और अपना एडमिशन करा लिया धीरे-धीरे रोहन का पॉलिटेक्निक भी फाइनल हो गया कंपनी में कैंपस सिलेक्शन हुआ।
और रोहन जॉब करने लगा। परंतु रोहन इतने से भी संतुष्ट नहीं था वह सोचता था कुछ बड़ा करने के लिए अब उसके पास कुछ पैसे आने लगे थे जिसके वजह से रोहन ने अब डिसाइड किया कि मैं कोई बिजनेस करूंगा और रोहन ने।
जूते चप्पल का फैक्ट्री लगा दिया। जिसे रोहन को ज्यादा प्रॉफिट होने लगा तो दोस्तों इसीलिए कहते हैं कभी भी जरूरी नहीं है कि कोई हमें पैसे देगा तभी हम पढ़ाई कर सकते हैं। अगर जो हम पढ़ना चाहते हैं तो बस हमारी कामयाबी ही काफी होती है।
तो दोस्तों कैसी लगी? यह मोटिवेशनल स्टोरी हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।