top 10 moral stories in hindi
विजयपुर थाने में एक कन्हैया नाम का पुलिस अफसर रहता था वह बहुत ही बड़ा घूसखोर था वह लोगों से घूस लेता और उन्हें डरा धमका कर रखता था
उस एरिया के जितने भी लोग थे उस पुलिस अफसर से डरते थे क्योंकि कोई भी उनसे जबान लड़ा ना नहीं चाहता था दिन पर दिन उसकी घूसखोरी बढ़ती गई
उसी गांव में एक सतीश नाम का लड़का रहता था वह बेचारा एक दिन अपनी बाइक लेकर उस थाने से गुजर रहा था तभी उसे घूसखोर पुलिस कन्हैया ने पकड़ लिया
और उसे पेपर दिखाने के लिए कहा सतीश के पास सारे पेपर थे सतीश ने अपने सारा पेपर दिखाया और उसके पास हेलमेट भी था परंतु सतीश क्या
एक इंडिकेटर काम नहीं कर रहा था उसको और पुलिस ने कहा तुम्हारा चालान कटेगा क्योंकि तुम्हारे गाड़ी का एक इंडिकेटर काम नहीं कर रहा है सतीश ने कहा सर मैं
अभी जस्ट बनवाने ही ले जा रहा था सामने की दुकान पर और वहां मेरी गाड़ी सर्विसिंग भी होगी कन्हैया घूसखोर पुलिस ने एक नहीं सुनी और उससे ₹500 ले लिए
चालान के नाम पर सतीश वहां से चला गया फिर जब उधर से आ रहा था तो उसे फिर से पकड़ लिया गया और उसके ड्राइवर लाइसेंस को फाड़ दिया गया जिससे
सतीश भड़क गया कि मेरे ड्राइवर लाइसेंस को अपने क्यों पड़ा तभी कन्हैया घूसखोर पुलिस ने कहने लगा तुम तो ड्राइवर लाइसेंस लेकर ही नहीं आए हो सतीश को
सारी बात समझ में आ गई उसने कहा सर कुछ ले लीजिए और मुझे छोड़ दीजिए पर पर ने इस बार ₹3000 मांगा सतीश का होश उड़ गया और सतीश ने कहा
अब भैया हमारी गाड़ी भी रख लीजिए और मुझे भी अंदर ले चल कर बंद कर दीजिए क्योंकि आपने जितनी रकम मांगी है उतना मेरा तो 2 महीने का इनकम ही हो जाएगा
कन्हैया से लास्ट कोशिश करने के बावजूद सतीश ने अपने गाड़ी छुड़वा लिया परंतु उस पुलिस वाले कन्हैया के उसी दिन पैर टूट गया और उसे बहुत गंभीर रूप से छोटे भी आई कहते हैं
ना दोस्तों जैसी करनी वैसी भरनी तो कैसी लगी स्टोरी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद