lalchi pakode wali ki kahani
लालची पकौड़ी वाला एक गांव में एक श्याम नाम का एक आदमी रहता था जो पकोड़े का ठेला लगाता था एक दिन उसे गांव में रामा आया तो श्याम ने कहा
बताओ तुम्हें कितने की पकौड़ी चाहिए तभी राम ने कहा मुझे पकौड़ी नहीं चाहिए मुझे कोई काम हो तो दे दो तभी सामने कहा ठीक है तुम आज से मेरे
साथ काम करोगे मैं तुम्हें अच्छा पगार भी दूंगा और तुम्हें पकोड़े तलने भी सिखाऊंगा राम ने शाम के ठेले पर काम करने लगा एक दिन शाम को कहीं काम
से जाना था तभी उसने राम से कहा आज तुम खेले देखो मुझे कहीं काम से जाना है श्याम इतना कहकर चला गया उस दिन तो कौड़िया बहुत ज्यादा बिकी
राम ने सोचा कुछ पैसे मैं रख लेता हूं और बोल दूंगा कि बिक्री आज कम हुई है और राम ने कुछ पैसे रख लिया शाम जब अपने ठेले के पास आया तो राम
ने जो विकी भेजा था उसके पैसे शाम को दे दिया श्याम ने कहा आज बहुत कम पैसे में बिके हैं मैं अपने भेजता हूं तो दो हजार के हो जाते हैं तुम ₹1000 दे रहे हो
तभी राम ने कहा तुम्हारे कहने का मतलब क्या है मैं चोर हूं मैं भी पकौड़े का ठेला लगा सकता हूं और तुम से अच्छा बिक्री कर सकता हूं तभी श्याम ने कहा बहुत
लोग हमारे पास काम करने आए और हमारा देखा कर बहुत लोग खेला लगाएं परंतु मैं जो पाउडर अपने पकौड़ी पर छोटा हूं वह तुम्हें मालूम नहीं इसीलिए तुम्हारी
दुकान चलेगी ही नहीं राम चिंता में पड़ गया कि कौन सा पाउडर श्याम अपने पकौड़ी पर छिड़क ता है और शाम के घर राम चुपके से चला गया तभी देखा
शाम को पकोड़े पर पाउडर छिड़क ते हुए राम चोरी चुपके श्याम के घर में घुस गया और वह पाउडर उठा लाया अगले दिन राम पकौड़ी का दुकान खोला और
पाउडर छिड़क कर सबको देने लगा तभी लोग कहने लगे यह कैसा पकौड़ी है तुम्हारा तुमने गंदा पकौड़ी बनाया है और राम के पकौड़ी को फेंक दिया तभी
राम श्याम के पास गया और बोला यह कैसा पाउडर है तुम चिढ़ाते हो तो तुम्हारी पकौड़ी अच्छी लगती है और मैं छिड़का तो मेरी पकौड़ी अच्छी नहीं लग रही है
तभी शाम ने बताया वह पाउडर नहीं बल्कि गोबर है तुम्हारे मन में लालच था इसलिए तुमने गोबर छिड़क के खिला दिए तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी हमें ईमानदारी से काम करना चाहिए और इमानदारी के पैसे कमाना चाहिए