real life inspirational stories hindi
एक घर की कहानी उस घर में उसके माता-पिता और रोहन रहता था रोहन पढ़ने में बहुत तेज था इसलिए अपनी पढ़ाई करने के लिए अपने घर से 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाता था
रोहन जब छठवीं क्लास में था तब उसके माता पिता गुजर गया रोहन बिल्कुल अकेला हो गया अब रोहन के पास पढ़ाई करने के लिए पैसे नहीं थे और ना ही
उसके पास खाने के लिए पैसे थे रोहन इस बात से बहुत ही चिंता रहता था हे भगवान हे तूने मेरे साथ क्या किया मेरे माता-पिता को भी छीन लिया और मुझे भी
भूखा रखा है लेकिन रोहन ने हार नहीं मानी वह भीख मांगने लगा भीख मांगते मांगते हैं कुछ दूर चला जाता था लेकिन उसे भीख भी उतना नहीं मिल पाता
जिससे उसका गुजारा चल जाए फिर उसने देखा एक सेठ ने 10000 का सामान खरीदा और उसे ले जाकर के 25000 में बेच दिया रोहन को सारी बात
समझ में आ गई रोहन अगले दिन भीख मांगने निकला मुश्किल से उसके पास ₹300 ही थे उन ₹300 को लेकर गांव में खेत के पास गया और खेत वाले से
बोला ₹300 की सब्जी दे दीजिए खेत वाला बोला भाई मैं खुले में सब्जी नहीं भेजता हूं यहां तो थोक में सब्जी भेजता हूं रोहन ने कहा मुझे थोक में ही ₹300 की
ही सब्जी चाहिए किसान ने उसे ₹300 की सब्जी दी रोहन उसे मार्केट में लाकर बेच दिया जिससे रोहन के पास ₹400 हो गए रोहन को सारी बातें समझ में
आने लगे रोहन ने ₹50 का खाना खाया और 3:30 सौ रुपए बचाकर रखा फिर उसके बाद रोहन अगले दिन सब्जी साडे ₹350 की खरीदी और उसे और
उसे बाजार में लेकर बेचने गया परंतु रोहन के पास जो सब्जी थी वह बाजार में किसी के पास नहीं थी इसीलिए रोहन की सब्जी थोड़ी महंगी बिकी और
रोहन के पास अब टोटल ₹350 की सब्जी के अलावा उसके पास बेचने के बाद ₹700 हो गए रोहन बहुत खुश हुआ और रोहन ने फिर से ₹50 का खाना पीने
की चीज खरीदी और उसे घर ले गया बनाया खाया रोहन को रात में नींद नहीं लग रही थी यह बात सोच कर कि मेरे पास और भी पैसे होते तो मैं उससे और
भी सब्जियां खरीद था और उसे भेजता लेकिन रोहन ने हार नहीं मानी ₹650 के फिर से सब्जी खरीदी और उसे बाजार में ले जाकर बेचा इसी तरह करते
करते काफी समय गुजर गया रोहन अब 19 साल का हो चुका था परंतु असंभव के बाद किए थे कि रोहन कि अब सब्जी की बहुत बड़ी दुकान थी जिसमें ढेर
सारे नौकर चाकर काम करते थे रोहन जो चाहिए उसे मिल गया रोहन अपनी पढ़ाई तो पूरा नहीं कर सका लेकिन अपनी मेहनत के बलबूते धन काफी इकट्ठा
कर लिए तो इसीलिए दोस्तों कभी भी हमें अकेलापन और गरीब महसूस नहीं करना चाहिए क्योंकि भगवान हमें भी दो हाथ और दो पैर दिए हैं और सोचने
के लिए दिमाग दिए हैं अगर जो हम सोच कर कोई भी कार्य करें तो हमें सफलता जरूर मिलती है इसीलिए कभी अपने आप को छोटा नहीं समझना चाहिए
और ना ही किसी को देख कर चलना चाहिए सिर्फ अपने काम पर फोकस और ध्यान देना चाहिए तो कैसी लगी है स्टोरी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद