Budhiya Mai Ki Kahani Hindi Moral Stories For Kids

By | January 28, 2019

Budhiya Mai Ki Kahani Hindi Moral Stories For Kids

Budhiya Mai Ki Kahani Hindi Moral Stories For Kids

Budhiya Mai Ki Kahani Hindi Moral Stories For Kids

एक गांव में एक बुढ़िया माई रहते थी वह बहुत गरीब था क्योंकि उसके ना बच्चे थे ना कोई रिश्तेदार था बुढ़िया माई के पास एक गाय थी जो रोज सुबह दूध देती थी Budhiya Mai Ki Kahani Hindi Moral Stories For Kids

जिससे बेचकर बुढ़िया माई अपने घर का खर्चा चलाते थी कुछ दिन बाद गाय बीमार पड़ गई और देखते ही देखते उस गाय की मृत्यु हो गई बुढ़िया मां एकदम निराश हो गई कि अब मैं क्या करूं क्योंकि बुढ़िया माई भगवान को बहुत मानते थी

बिना भगवान को भोग लगाएं अपने मुंह में एक निवाला तक नहीं डालती थी फिर अपने पड़ोसी के गाय के गोबर को लिया कर चिपरी पाथे कर उसे बेच कर Budhiya Mai Ki Kahani Hindi Moral Stories For Kids

अपने घर का खर्चा चलाने लगे पड़ोसन जब इस चीज को देखे तो सोचने लगे कि यह मेरे गाय का चित्रपात कर बेच सकती है तो क्यों ना मैं अपने गायका चिपरी बात कर क्यों न बेचू जिससे मुझे पैसे भी मिल जाएंगे और अगले दिन से

गाय को घर में ले जाकर बांधने गी बढ़िया मां अगले दिन देखा गाय ने तो बाहर गोबर ही नहीं दिया है बुढ़िया माई बहुत निराश हूं और वह अपने घर के सामने वाले सेठ महाजन के घर चले गए गोबर मांगने के लिए सेट महाजन सोचने लगा मेरी गाय तो अक्सर बीमार रहती हैं

मैं अगर जो अपनी गाय दे देता हूं तो उसे आसान भी हो जाएगा और गाय तो ऐसे भी कुछ दिन बाद तो उसकी मृत्यु हो ही जाएगी यह सोचते हुए सेट महाजन ने अपनी गाय को बुढ़िया माई को दे दिया बुढ़िया माई

उस गाय को लेकर अपने घर चली आई बुढ़िया माई उसके गोबर को चिपरी पाथे कर उसे बेचती और थोड़ा मोड़ा दूध देती गाय क्योंकि बीमार थी 1 दिन उस बुढ़िया माई के घर के सामने से

एक ऋषि मुनि गुजर रहे थे उन्होंने बुढ़िया माई को बोला माई मुझे कुछ खाना खिला दिया मुझे बहुत भूख लगी है बुढ़िया माई ने अपने हिस्से का खाना उस ऋषि मुनि को दे दिया और बुढ़िया माई कही महाराज आप खाना खाइए मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूं

ऋषि मुनि ने अपने शक्ति से जान लिया की बुढ़िया माई ने अपना खाना मुझे दिया है तभी ऋषि मुनि ने कहा बुढ़िया माई आपने मुझे खाना दिया वह भी अपने हिस्से का जमाई आज के बाद तू कभी धन की कमी नहीं होगी

तुम्हें यह कहते हुए गाय के ऊपर अपना हाथ फेर दिया और ऋषि मुनि वहां से चले गए बुढ़िया माई की गाय अगले दिन सोने के गोबर दी थी लेकिन उसकी पड़ोसन ने देख लिया क्योंकि गाय बाहर बांध ही रहती थी

वह गोबर अपने गाय का वहां लाकर रख कर और सोने का गोबर उठाकर ले कर चली जाती थी दो-चार दिन गुजर गया 1 दिन अचानक बहुत तेज आंधी तूफान आने लगा

उस दिन बुढ़िया माई ने अपने गाय को घर के अंदर बांध लिया फिर अगले दिन सुबह बुढ़िया माई देखें तो अचंभित हो गई बुढ़िया माई अब धीरे-धीरे अमीर हो गई थी

लेकिन उसकी पड़ोसन सोचने लगी मुझे सेट महाजन को बताना पड़ेगा कि उनकी गाय सोने के गोबर देती है जिससे सेट महाजन अपनी गाय लेकर चले जाएंगे क्योंकि

मुझे तो मिल नहीं रहा है तो इसे भी मैं क्यों मिलने दूं सेट महाजनको पड़ोसन ने जाकर सारी बातें बताई सेठ महाजन ने आकर बुढ़िया से सारी बात पूछी बुढ़िया ने सब सही-सही बता दिया सेट महाजन के मन में लालच

आ गई और सेठ महाजन अपनी गाय लेकर अपने घर चले आए अगले दिन उन्होंने देखा की गाय पूरे घर में गोबर ही गोबर फैला दी थी सेट महाजन को कुछ समझ में नहीं

आया कि आखिर यह गाय सोने के गोबर देने वाली थी पर यह असली गोबर कैसे दे दी तभी आकाशवाणी हुई और उसमें से आवाज आया उस भले बुढ़िया माई को तुमने परेशान किया है

उसकी गाय तुमने लेकर आई है तुम्हें इसकी सजा मिली है इसलिए तुम बुढ़िया माई की गाय वापस कर दो तुम्हारे घर ऑटोमेटिक साफ हो जाएगा उस सेठ महाजन ने गाय को ले जाकर बुढ़िया

माई को वापस दे दी तो कैसी लगी है कहानी दोस्तों कमेंट करके जरूर बताइएगा आपको अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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